Description
संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। इसका व्याकरण वैदिक काल में ही स्वतंत्रा विषय बन चुका था।
संस्कृत कई आध्ुनिक भारतीय भाषाओं की जननी है। इस वैज्ञानिक भाषा का व्याकरण अत्यध्कि विकसित प्रणाली का द्योतक रहा है। सृजन पब्लिशर्स द्वारा सरल एवं व्यवस्थित रूप से छात्रा-छात्राओं को संस्कृत व्याकरण सिखाने वेफ उद्देश्य से कक्षा 5 से 8 तक वागीशा संस्कृत व्याकरण की पुस्तवेंफ संप्रेषित की जा रही हैं।
वागीशा संस्कृत व्याकरण पुस्तकमाला ;कक्षा 5 से 8द्ध में व्याकरण वेफ विभिन्न अंगों का संमबद्ध् ज्ञान कराया गया है। इस प्रयोजन से अध्यायों में मुख्य विषय-वस्तुओं को उदाहरण देकर समझाया गया है। अध्यायों से संबंध्ति प्रश्न-अभ्यास एवं आदर्श प्रश्नपत्राम् विविध्ता ग्रहण किए हुए हैं जो बच्चों की मानसिक सक्षमता को जांचने का काम करेंगे।
वागीशा संस्कृत व्याकरण पुस्तकमाला को रुचिकर और ज्ञानवधर््क बनाने वेफ लिए अपठित-अवबोध्न ;न्देममद च्ंेेंहमद्ध तथा अनुवाद-प्रकरणम् ;ज्तंदेसंजपवदद्ध जैसे विषय समावेशित किए गए हैं। रचनात्मवंफ अभिव्यक्ति बच्चों वेफ लिए उत्साहवधर््क होगी। संस्कृत से हिंदी एवं हिंदी से संस्कृत अनुवाद वेफ द्वारा छात्रा-छात्राओं में भाषा को समझने में सुगमता एवं स्पष्टता का संचार बढ़ेगा। अध्यायों में विषय-वस्तुओं का चयन भी सावधनीपूर्वक किया गया है ताकि छात्रा-छात्राओं को विषय बोझिल प्रतीत न हों तथा उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति एवं शैली में निखार उत्पन्न हो।